
बारिश

आज सुबह जब अपने दिल के टुकड़े को स्कूल जाने के लिए तैयार देखा, तो हिम्मत ही नहीं हुई की जाने दू अपने से दूर, कस के पकड़ लिया उसको, की उसकी दिल की धड़कने मेरे दिल मैं महसूस होने लगी । उसे छोड़ने का मन भी नहीं था, हिम्मत भी नहीं थी, पर भेजा फिर भी, सलामती की प्रार्थना कर के।
दिल रो रहा हैं, टूट रहा हैं, उन माँ बाप, भाई, बहन, दादा, दादी, नाना, नानी, और अनेको रिश्तो के लिए जिन के घर की रौशनी वापिस न आएगी। उन मासूम बच्चों के लिए जो बिना अलविदा किये, बिना अपने अपनों को प्यार किये, ऐसी अकस्मात, भयावह हादसे का शिकार हो गए।
बहुत मुश्किल समय हैं, अथाह सागर की तरह जिसका कोई किनारा और कोई गहराई नहीं होती, ऐसा दर्द हैं जो वोह जिनके अपने चले गए हैं, कभी शब्दों मैं बता भी न पाएंगे।
शब्द नहीं, बस उलझन हैं
व्यथा हैं, दिल मैं पीड़ा हैं
और बहते आंसू की लड़िया हैं
कुछ माँ, जिनका आँचल अब खाली हैं
बाबा, जिनकी ऊँगली
अब कोई पकड़ने न वाला हैं
घर के हर कोने मैं
उन के दिल का वह टुकड़ा
अब कभी चहकने न वाला हैं
बिन बोले, बिन कुछ सुने बिना
अब मुड़ कर घर वापिस न आना हैं
छूट गए हाथो से हाथ, रिश्तो से रिश्ते
ख़ाली हर दिल का कोना कोना हैं
डूब जाए जिस दर्द मैं,
अब उस दर्द के साथ ही जिन्दा रहना हैं
किसी और की बेदर्दी का ज़हर
ताउम्र अब उन सब को पीना हैं
आने वाले त्योहारों की,अब रातें ही क्या,
दिन की हर घड़ियाँ काली हैं
बाहर भी शोर, अंदर भी अंतर्द्वंद
फिर भी सदियों की ख़ामोशी हैं
शब्द नहीं, बस उलझन हैं
व्यथा हैं, दिल मैं पीड़ा हैं
और बहते आंसू की लड़िया हैं
इश्क़ भी इकतरफा, दिल का धड़कना भी इकतरफा,
जो देखा था इन आंखों ने तुझे एक जमाने पहले
वोह देखना भी सिर्फ और सिर्फ इकतरफा
तुझसे बिछड़े, तो टूट के बिखर जाने का दर्द भी इकतरफा
किताबो के पीले पन्नो मैं रखी,
धुन्धलIती तस्वीर से बोलती तेरी आंखों मैं,
मेरे इश्क़ की परछाईं इकतरफा
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
इक समय जिस हंसी पर मरा करते थे
जो तुम्हारे लबो से हमारे दिल तक उतर जाती थी
उस हसीं याद से हमारे दिल का धड़कना इकतरफा
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
सदियों का फासला तय कर चुका हैं अकेले
न तब और न अब, कह पाए दिल का हाल
वोह दिलो की गहराइयों का अकेलापन इकतरफा
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
वोह छुपछुप कर तुझे देखना इकतरफा
इश्क़ भी इकतरफा, दिल का धड़कना भी इकतरफा,
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
………………………………..। रश्मि ।
नूतन वर्ष की देहलीज पर,
शुभ प्रवेश हो, आप का
नव वर्ष के उगते सूरज की रश्मियों से,
जीवन प्रकाशमान हो, आप का
दोनों हाथ जोड़ प्रार्थना हैं, इस नए साल मैं
मंगलमय हो हर एक कदम आप का
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
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