
राहतें

इश्क़ भी इकतरफा, दिल का धड़कना भी इकतरफा,
जो देखा था इन आंखों ने तुझे एक जमाने पहले
वोह देखना भी सिर्फ और सिर्फ इकतरफा
तुझसे बिछड़े, तो टूट के बिखर जाने का दर्द भी इकतरफा
किताबो के पीले पन्नो मैं रखी,
धुन्धलIती तस्वीर से बोलती तेरी आंखों मैं,
मेरे इश्क़ की परछाईं इकतरफा
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
इक समय जिस हंसी पर मरा करते थे
जो तुम्हारे लबो से हमारे दिल तक उतर जाती थी
उस हसीं याद से हमारे दिल का धड़कना इकतरफा
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
सदियों का फासला तय कर चुका हैं अकेले
न तब और न अब, कह पाए दिल का हाल
वोह दिलो की गहराइयों का अकेलापन इकतरफा
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
वोह छुपछुप कर तुझे देखना इकतरफा
इश्क़ भी इकतरफा, दिल का धड़कना भी इकतरफा,
टूट के बिखर जाने का दर्द भी हाय इकतरफा
………………………………..। रश्मि ।
नूतन वर्ष की देहलीज पर,
शुभ प्रवेश हो, आप का
नव वर्ष के उगते सूरज की रश्मियों से,
जीवन प्रकाशमान हो, आप का
दोनों हाथ जोड़ प्रार्थना हैं, इस नए साल मैं
मंगलमय हो हर एक कदम आप का
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
एक कविता प्यार के नाम की, प्यार के अहसास की, प्यार की महक, ख़ुशबू से परिपूर्ण. अपनी आवाज़ में पिरोयी हुई, प्यार के नाम, सुनीयेगा ज़रूर
पिछला कुछ समय बहुत ही जद्दोजहद और पीड़ादायक रहा है. इस विकराल बीमारी के दौरान बहुत कुछ सहा है सबने, और आशा का दामन पकड़े रहना भी मुश्किल लगने लगा है.
बस यही निकलता है दिल से “काश कोई कुछ कर पाता”. ऐसे ही भाव है, दिल्ली निवासी श्री दिनेश तिवारी जी के, जिनके दिल की व्यथा शब्दों के माध्यम से व्यक्त हुई है.