मुश्किलें हैं की हर कदम पर आये जाती हैं,
हमारे सब्र की इन्तहा हुए जाती हैं,
क्या करे क्या न करे, इसी सोच मैं हैं,
परेशानियाँ हैं की, कही ख़तम न हुए पाती हैं.
हिम्मत और सब्र की हद होती हैं कही न कही,
ढूंढ पाएंगे उस हद को अपने मैं कही,
इसी तलाश मैं उम्र तमाम हुए जाती हैं.
गिला न शिकवा हैं हमे, तुमसे ऐ मेरे माझी,
नाव की पतवार ही बहा ले जाती हैं,
शुक्र हैं की हमसफ़र हैं ऐसा, जो साथ दिए जाता हैं,
जीते हैं ऐसा साथ लिए, साथ का ऐतबार लिए,
हिम्मत हैं की रोज नए रवानी लिए आती हैं.
होश मैं जीने का जज्बा सीखा हैं उनसे..
जो हमसे भी हैं हैरान और परेशान ,
जो लड़ते हैं बेधड़क, अपनी खुशियों के लिए,
जो लिखते हैं कहानी, हर एक कतरा निवाले के लिए.
मुश्किलें हो जाएँगी आसान कभी न कभी,
कहानी पूरी हो ही जाएँगी,
शब्द जुड़ते हैं कड़ियों मैं यही..
सच कहा है आपने. कभी कभी हम छोटी छोटी मुश्किलों से डर जाते हैं, सहम जाते हैं, निराश होकर दुबक जाते हैं और कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए जीवन का हर दिन एक नया संघर्ष है , वो होठों पर मुस्कान लिए, हिम्मत से आगे बढ़ते हैं.