कसक सी उठती है सीने मैं
जब भी तुम्हारी याद आये
भीग जाती हैं पलके,
जब भी तुम्हारा जिक्र आये
सदियाँ बीत गयी
तुम्हारी एक झलक पाए
कैसी यह हवाएँ हैं,
तेरी खुशबू मेरे पास लाए
गुजर जाता हैं वक़्त,
ना तुम्हारी कोई खबर आये
जिए जाते हैं, ना तुम हो,
ना तुम्हारी वफाएं
यूँ तो हम खुश हैं, महफूज़ हैं
हर पल खुद को अपनो से घिरा पाए
पर दिल मैं टूटती तस्वीरे हैं ऐसी,
किसी को ना दिखा पाए
इन किरचो से उठती टीस,
बस इसी को अपना कह पाए
इन धडकनों को पकड़ कर रखते हैं
कही तेरी चाहत मैं छूट ना जाए
चाह नहीं की तुम्हारा साथ मिले,
तुम्हारे संग चले
हम तो बस चाहे इतना
किसी रोज तुम्हारी एक नज़र पाए
भूल जायेंगे उस दिन
तुमको सदा के लिए
जिस दिन तुमसे फिर
एक पल के लिए आशना हो जाये
हवा भी सरगोशियाँ करती हैं
कानो मैं मेरे
कसक सी उठती है सीने मैं,
जब भी तुम्हारी याद आये
भीग जाती हैं पलके,
जब भी तुम्हारी याद आये
very romantic, Rashmi. I especially liked the last para.
Was that for me?……well you just have to travel 800 miles north to have a jhalak….:)
Yep Jethji…aapke liye aur aapke pure parivaar ke liye….
Very emotional and heart touching poem………………
कल 25/05/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
आपका धनयवाद मेरी रचनाओं को पसंद करने और प्रेरणा देने के लिए
Thanks Ankit, Neena and Yashwant ji ….
बेहतरीन प्रस्तुति।
Thanks sada
बहुत सुन्दर रचना…
अनु
Thanks Anu