तेरी क्या बात कहे,
तुझे क्या ना कहे
तू सच हैं मेरा
आगाज़ भी तू, अंजाम भी तू
जीने का अंदाज़ हैं मेरा
बिखर जाती हैं हंसी मेरे होठों पर
तेरी आँखों से टपकतीं हंसी को देख
उन आँखों की क्या बात कहे
मुस्कुराती, गुगुदाती, शरारतो से टिमटिमाती
कुछ कही अनकही कह जाती
तेरी क्या बात कहे
सीने मैं लहर सी उठती हैं
जो तेरे लब हिले
कुछ धीरे से हँसे
उस हंसी की क्या बात कहे
मधम सी, कायनात को रोशन करती
मुझे अपने आगोश मैं लेती
तेरी क्या बात कहे
तू हैं ऐसा हसीं
तेरी नीयत, मेरा यकीन
तू हैं मेरा किनारा
मैं तेरी, सिर्फ तेरी
तेरी क्या बात कहे
Full of emotions and a touchy feeling. Takes you deep to understand the power of love. nicely written.