Jul6 वापसी Posted on July 6, 2011 by Reacharc Standard कल तक थे बेमानी जो मेरे आंसू आज बन गए मोती उनके लिए कल तक थे शिकवे जो मेरे बोल आज बन गए अहसास उनके लिए दबे पाँव हुई वापसी रिश्तों की, लौ जली उम्मीदों की फिर जीनों को मन करता हैं फिर हसने मैं दिल लगता हैं Share this:FacebookTwitterLike this:Like Loading...