हालात यही हैं हर तरफ ,
ढूँढने जाते हैं खुशियाँ
पर गम के सिवा कुछ नहीं
रोजमरा मैं सोचे तो ,
खुशनसीब हैं हम
पर अपनी रूह मैं झांके तो
अकेलेपन के सिवा कुछ भी नहीं
जीए जाते हैं देख कर चेहरा उनका ,
जो कहने को हैं अपने
पर एक छलावे से ज्यादा कुछ भी नहीं