जीवन का वो अमूल्य अहसास
वो धडकनों का स्पंदन
जो बेनाम हैं, अपरिभाषित हैं,
फिर भी एक अटूट बंधन
कुछ और नहीं, हैं मंदमुस्कान
सूर्य की रश्मियों का आगमन सूचक हैं
शुभ शुरुआत का
यू ही मुस्कानों का आगमान
जीवन मैं आई बसंत बहार का
जो दे जाती हैं आँखों मैं चमक
चेहरे पे सूर्य सी आभा
एक माधुर्य, खुशी के अहसास का
कुछ और नहीं, हैं मंदमुस्कान…..
behad komalta se nikle hai’n bhav….sunder rachna…
खूबसूरत और कोमल सी कविता!! 🙂
छोटी सी कविता, लिखी थी जब मैं भी छोटी थी..हर बात मैं उम्मीद थी…अब भी हैं..