स्नेह का अनुरोध है
दिल से दिल की राह का
मन से मन की बात का
हर सुलगते अरमान का
एक सुंदर अनुरोध है
सांझ की चौखट पर टिकी
उस गोधुली का अनुरोध हैं
लौट के आते अपने घरों को
आहट का अनुरोध हैं
प्रणय का, प्यार का
स्नेह का अनुरोध है
दीये जले प्रणय के
उस घडी का अनुरोध हैं
अनुरोध किसी की हा का
अनुरोध किसी की चाह का
मृगतृष्णा मैं भटकते सब
ठंडी छाँव का अनुरोध हैं
प्रणय का, प्यार का
स्नेह का अनुरोध है
नए संगीत पर थिरकते
उसी प्यार का अनुरोध हैं
जो पास लाए हमसफ़र
उस डोर का अनुरोध हैं
रिश्तों मैं रहे सदा
उम्र का अनुरोध हैं
प्रणय का, प्यार का
स्नेह का अनुरोध है
स्नेह के धागे बंधे
उस भाव का अनुरोध है
प्रणय, प्यार, स्नेह
से बने हर दिल के तार
अनुरोध हैं बस इतना
छिड जाए एक बार
अधूरा हर कोई
बिन इन भाव के
दे जाए बसंत
बिन बरसात के
अनुरोध हैं उस
काली घनी बदली का
बहुत ही बढ़िया ।
सादर
Bahut sundar. These lines are so beautiful
“अनुरोध किसी की हा का
अनुरोध किसी की चाह का
मृगतृष्णा मैं भटकते सब
ठंडी छाँव का अनुरोध हैं”
Good one…like it:)
Thank you all for liking it