उठता हैं बवंडर शब्दों का
पर चुप हैं कलम
और खामोश है जुबान
सन्नाटा सा छाया हैं
जब सदियाँ हैं करने को ब्यान
ढूँढ रही हूँ, भटक रही हूँ
चलता हैं एक अंतर्द्वंद
कहने को, है इतना कुछ
पर छाई हैं, एक गहरी धुंध
उतावले बैठे हैं इतने क्षण
कुछ शब्दों मैं गढ़ जाने को,
एक मूरत सी बनती हैं
कुछ पन्नों मैं छप जाने को
ऐसा नहीं की,
मन का कोष हैं खाली
हैं बहुत से सपने, ढेर सी हकीकत
इतनी खुशियाँ जो मैंने पाली
अंतर्मन मैं, उठती हैं लहरें
बाँट सकूँ सब संग,
हर पल जो मैंने पाया
हर अश्रु जो पलकों पर आया
बनते बिगड़ते रिश्तों की
दिन रात उलझते धागों की
मौन पलों और कहते अधरों की
दास्ताँ हैं बयाँ करनी मुझे
मौसम के आते जाते हर रंगों की
माना एक प्रश्नचिन्ह है मेरे आगे
पर क्या यह होता हैं सबके…
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वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
dhanyawaad madan
सुंदर रचना…
आप की ये रचना आने वाले शनीवार यानी 28 सितंबर 2013 को ब्लौग प्रसारण पर लिंक की जा रही है…आप भी इस प्रसारण में सादर आमंत्रित है… आप इस प्रसारण में शामिल अन्य रचनाओं पर भी अपनी दृष्टि डालें…इस संदर्भ में आप के सुझावों का स्वागत है…
उजाले उनकी यादों के पर आना… इस ब्लौग पर आप हर रोज कालजयी रचनाएं पढेंगे… आप भी इस ब्लौग का अनुसरण करना।
आप सब की कविताएं कविता मंच पर आमंत्रित है।
हम आज भूल रहे हैं अपनी संस्कृति सभ्यता व अपना गौरवमयी इतिहास आप ही लिखिये हमारा अतीत के माध्यम से। ध्यान रहे रचना में किसी धर्म पर कटाक्ष नही होना चाहिये।
इस के लिये आप को मात्रkuldeepsingpinku@gmail.com पर मिल भेजकर निमंत्रण लिंक प्राप्त करना है।
मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]
पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
कई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं 2013 (15) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है … सादर आभार !
Thank you so much for publishing my Poem, and for your encouragement