जहा तुम नही बारिश वहा
फर्क फ़कत इतना
एक नमी मैं उम्मीद
एक नमी मैं उदासी
जहा तुम जज़्बात वहा
जहा तुम नहीं जज़्बात वहा
फर्क फ़कत इतना
कुछ मैं ख़ुशी
कुछ मैं बारिश का पानी
जहा तुम पदचिन्ह वहा
जहा तुम नहीं पदचिन्ह वहा
फर्क फ़कत इतना
एक तरफ सागर का किनारा
दूजी और गीली रेत बिखरी वहा
जहा तुम इमारते वहा
जहा तुम नहीं इमारते वहा
फर्क फ़कत इतना
एक तरफ क्षितिज
दूसरी और टूटे खंडहर वहा
जहा तुम बारिश वहा
जहा तुम नहीं बारिश वहा
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