दिल के किसी कौने मैं
हसरतें करवट बदलती है
नयी उमंगें उमड़ती है…
कुछ पुरानी लौ लगती है
सपनों को पंख, और
उम्मीदों को उम्र चढ़ती है
रंगीन चाहतो के ताने बाने मैं
ज़िंदगी गुज़रती है
विडम्बना फिर भी वही
जहाँ अiरजूऔ का मेला है
वहाँ हर पल, तनहा अकेला है
साँझ की चौखट पर
नये सूरज को तकता है
शायद कोई नयी सुबह हौ
बस दिल के किसी कौने मैं
एक बार नहीं हर बार
नयी लहरें हिलौरे लेती है
नयी उमंगें उमड़ती है………..
bahut sundar.
Thank u