पिछला कुछ समय बहुत ही जद्दोजहद और पीड़ादायक रहा है. इस विकराल बीमारी के दौरान बहुत कुछ सहा है सबने, और आशा का दामन पकड़े रहना भी मुश्किल लगने लगा है.
बस यही निकलता है दिल से “काश कोई कुछ कर पाता”. ऐसे ही भाव है, दिल्ली निवासी श्री दिनेश तिवारी जी के, जिनके दिल की व्यथा शब्दों के माध्यम से व्यक्त हुई है.

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