जीवन की आपा धापी मैं
कितने चेहरे बदल गए
सब को खुश रखते रखते
हम ही मानो टूट गए
हर पल जीवन जीते जीते
हर पल हम ही बदल गए
लम्हे दिन, दिन साल हुए
जाने कितने ही संगी साथ हुए
जिनको भी हमराज बनाना चाहा
हर बार उन्ही से ठेस लगी
हमसफ़र की इच्छा रखते रखते
हम ही मानो टूट गए
जीवन की आपा धापी मैं
कितने चेहरे बदल गए
कुछ दोस्त बने, कुछ रिश्ते
कुछ हर सूरत मैं साथ चले
कुछ दो पल मैं रूठ गए
कुछ हमसे ही पीछे छूट गए
हर आंसू मैं मुस्कान दूंदते
हम ही खाली आँख रहे
जीवन की आपा धापी मैं
कितने चेहरे बदल गए
अनजान डगर, अनजान सफ़र
राह मैं वोह साथ हुए
हाथो मैं हाथ, हसरत मैं हसरत
कितने यूँ दिन चार हुए
कुछ को पूरा करते करते
कुछ अग्नि कुंड मैं होम हुए
जीवन की आपा धापी मैं
कितने चेहरे बदल गए
आज नाचते, कल थे सोये
आज बोलते, कल थे रोये
हाड मांस की काठी मैं
कितने अरमान धड़क गए
अपना सरमाया उसे कहते कहते
कितने ही शब्द सूँख गए
जीवन की आपा धापी मैं
कितने चेहरे बदल गए
हर पल जीवन जीते जीते
हर पल हम ही बदल गए