Deepawali
Festival of Lights, Life and Joy
Apr30
चंहु और उजाला, चंहु और ख़ुशी
मुस्कानों की फुलवारी चंहु और खिली
कही उदासी, कही कोई दुखी
कही कोई अकेला कही कोई सुखी
ऐसे ही धुप छाँव मैं,
बीत गया यह वर्ष
गर्म सर्द की चादर ओड़े
गुजर गया यह वक़्त
करे प्रार्थना सुखमय हो,
पावन हो नव वर्ष
हर जन की झोली मैं आये दिवाली,
चंहु और फैले यश एवं हर्ष
कह पाए एक सुर हो
चंहु और उजाला, चंहु और ख़ुशी
मुस्कानों की फुलवारी चंहु और खिली
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